कैंडलस्टिक चार्ट में जब किसी कैंडल का निर्माण इस प्रकार होता है जिसमें कैंडल का बॉडी का आकार अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत बड़ी और हरे या लाल रंग की बनती है ,लेकिन इसमें किसी प्रकार अपर या लोअर शैडो न हो तो इस प्रकार के कैंडल को मारुबोज़ू कैंडल कहा जाता है। “मारुबोजू” एक जापानी शब्द है, जापानी भाषा में मारुबोजू का अर्थ “गंजा” (टकला) होता है। यह एकल कैंडलस्टिक पैटर्न का एक प्रकार है।
जब कैंडलस्टिक चार्ट में अन्य दिनों की अपेक्षा एक कैंडल आकार में बड़ी और हरा रंग की बनती है।जिसमे ऊपर और नीचे की ओर कोई भी विक्स/शैडो न हो तो यह एक बुलिश मारुबोजू कैंडल कहलाती है।
और जब यह कैंडल अन्य दिनों की अपेक्षा आकार में बड़ी और लाल रंग का बनती हो जिसमे ऊपर और नीचे की ओर कोई भी विक्स/शैडो न हो तो इसे बेयरिश मारुबोजू कैंडलस्टिक के नाम से जाना जाता है।
जब चार्ट पर मारुबोजू कैंडल का निर्माण होता है तो यह हमें बाजार भाव में बेहद शक्तिशाली होने का संकेत देता है। खासकर जब वे उच्च मात्रा के साथ बनती हो।
मारुबोजू कैंडल के बनने पर ट्रेंड में रिवर्सल या ट्रेंड कंटीन्यूअस कुछ भी हो सकता है। इसके लिए ट्रेंड में कुछ प्रवृति का होना जरुरी है तब यह होना संभव है।
मारुबोजू कैंडलस्टिक के दो प्रकार होते है –
1. बुलिश मारुबोजू (Bullish Marubozu Candlestick)
2. बेयरिश मारुबोजू (Bearish Marubozu Candlestick)
बुलिश मारुबोजू कैंडलस्टिक पैटर्न Bullish Marubozu Candlestick Pattern) किसे कहते है
जब किसी हरी कैंडल की बॉडी बहुत बड़ी लेकिन उसकी शैडो न के बराबर होती है तब इसे बुलिश मारुबोज़ू कैंडल कहा जाता है | लेकिन जब यह बुलिश मारुबोज़ू कैंडल शेयर के डाउन ट्रेंड में बनता है तब इसे बुलिश मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Marubozu Candlestick Pattern) कहा जाता है ।
जैसा कि आप इमेज में देख सकते है को बुलिश कैंडलस्टिक मारुबोजु कैंडल में ओपन प्राइस और लो प्राइस एक जैसा दिखता है। और साथ ही क्लोज प्राइस और हाई एक समान दिखता है। इसका संकेत होता है की बुल बेअर पर हावी हो जाते है। जब भी यह चार्ट में बुलिश मारुबोजु कैंडल बनना शुरू होता है वैसे ही बिल्कुल बिना रुके तेजी से ऊपर की ओर चला जाता है।
और सबसे ऊंचाई पर जाकर क्लोज हो जाता है इसका मतलब मार्केट लगातार बुलीश रहता है। इस तरह ही बूलिश मारुबोजु कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है।यदि जब भी शेयर मार्केट मे चार्ट में ट्रैंड bullish चल रहा हो तो और मारुबोजु कैंडलस्टिक पैटर्न बन रहा है तो समझो की मार्केट में और प्राइस बढ़ती रहेगी। मरूबोजु कैंडल में आपको एक बात अच्छे से याद रखनी होगी की जब भी बेहतर मारुबोजु कैंडल बनेगा तो वह काफी बड़ी कैंडल बनेगी।
बुलिश मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न कब बनता हैं ?
इस प्रकार की कैंडल का तब निर्माण होता है कंपनी में किसी बड़े निवेशक द्वारा निवेश किया गया हो या कंपनी से सम्बंधित कोई शानदार समाचार हो |,इस प्रकार की कैंडल का निर्माण सामान्यतः शेयर के सपोर्ट पर होता है ।जब कंपनी का शेयर अपने सपोर्ट पर आता है तो निवेशक तथा ट्रेडर को लगता है कि कंपनी के शेयर की कीमत उसके इंट्रिन्सिक वैल्यू से कम हो गयी है तब निवेशक तथा ट्रेडर कंपनी के शेयर में खरीदारी करना आरम्भ कर देते है जिस कारण से अचानक बड़ी तेज़ी आ जाती है ।
बेयरिश आरोपों कैंडलस्टिक पैटर्न Bearish Marubozu Candlestick Pattern) किसे कहते है
Bearish Marubozu Candlestick pattern बेयरिश ट्रेन्ड का संकेत देती है। इससे हमे मार्केट में मंदी के समय का संकेत मिलता है। जब यह कैंडल मार्केट में टॉप या बीच में बनता है तो हमे संकेत देता हैं की बाजार में मंदी का समय है। यह कैंडल बड़ी होनी चाहिए और साथ ही इसमें कोई शैडो नही होनी चाहिए, यदि Marubozu कैंडल का आकार छोटा है तो आप उसपर भरोसा नही कर सकते और ना ही वह एक बेहतर Marubozu कैंडल है।
अगर बुलिश ट्रेड में Bearish Marubozu candle बनती हैं तो इसका मतलब हैं की अब bulish ट्रेंड खत्म हो सकता है और इसके बाद बेयरिश ट्रेंड आने बाला है। और आपको अपनी खरीददारी रोक देनी चाहिए। ऐसे में सेलर बायर पर काफी तेजी से हावी होने लगते है जिसकी वजह से बेरिश मारुबोजु कैंडलस्टिक पैटर्न्स बोलते है।
यदि आपको बेरिश ट्रेंड में बुलिश मारुबोजु कैंडल दिखता है तो आप शॉर्ट पोजिशन कर सकते है। शोर्ट पोजीशन का मतलब यह होता है की सेल किए हुए शेयर को खरीदना होता है। कुछ इस तरह से समझते है – जब मार्केट में तेजी के बाद मंदी चलने लगती है तो अपने शेयर को खरीदेने की वजह बेचने लगते है।
बियरिश मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न कब बनता हैं ?
जब कोई शेयर लगातार अपट्रेंड में ट्रेड करता रहता है तब एक समय ऐसा आता है जब कंपनी के शेयर की कीमत उसके इंट्रिन्सिक वैल्यू से अधिक हो जाती है ।इस लेवल पर ज्यादातर खरीदार खरीदारी कर चुके होते है ।अब इस लेवल पर यदि कंपनी/शेयर बाज़ार से सम्बंधित कोई ख़राब न्यूज आ जाती है तब कंपनी शेयर के अपने टॉप/रेजिस्टेंस के लेवल पर होने के कारण बड़ी बिकवाली आ जाती है ।
इस बिकवाली के कारण एक बड़ी लाल कैंडल कैंडल का निर्माण हो जाता है | यदि इस कैंडल में शैडो बिलकुल न हो या बहुत छोटी हो तथा बॉडी बहुत बड़ी हो जाये तो इसे बेयरिश मारुबोज़ू कैंडल कहा जाता है | जब कोई बेयरिश मारुबोज़ू कैंडल अपट्रेंड में चल रहे शेयर के टॉप पर बनता है तब इसे बेयरिश मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न(Bearish Marubozu Candlestick Pattern) कहा जाता है ।
मारुबोजु कैंडलस्टिक में स्टॉप लोस कहाँ लगाया जाता है?
अब यह समझना भी बहुत जरूरी हैं की Marubozu में स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है। बुलिश मारुबोजु कैंडलस्टिक पैटर्न्स में उसके ओपन प्राइस पर ही स्टॉप लॉस लगाया जाता है। सरल भाषा में समझे – जिस कीमत पर मारुबोजु कैंडलेस्टिक पैटर्न ओपन होता है वो कीमत के नीचे यदि शेयर ट्रेड करने लगे तो ऐसे में आपको अपनी बाईंग पोजीशन को क्लोज करना होता है।
बेरिश मारुबोजु कैंडलस्टिक पैटर्न में आपको स्टॉप लॉस बेरीश मारुबोजु कैंडल का ओपन होता है। इसे सरल भाषा में समझे – जिस कीमत पर मारुबोजु कैंडल बनना शुरू होता है यदि उसके ऊपर शेयर या मार्केट ट्रेड करने लगे तो आपको अपनी शोर्ट पोजीशन क्लोज कर देना होता है।
निष्कर्ष:
मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न एक शक्ति शाली टेक्निकल टूल हैं Technical analysis tool हैं,जो ट्रेडर को शेयर बाजार के रूझानो को समझने और प्रॉफिट वाले ट्रेंड लेने में मदद कर सकता हैं
मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न को पहचान करके और उसके साथ अन्य इंडिकेटर का उपयोग करके ट्रेडर्स अपने ट्रेंड में सुधार कर सकते हैं,और शेयर बाजार में एक सफल ट्रेडर्स बन सकते हैं।
हालांकि यह याद रखना महत्वपूर्ण हैं कि कभी – कभी कोई भी ट्रेडिंग रणनीति सही काम नही करती हैं इसलिए ट्रेडर्स को ट्रेंड लेते समय हमेशा सावधानी बरतने चाहिए। और हमेशा उचित Risk Management Techniques का उपयोग करना चाहिए।