बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न / Bullish Harami Candlestick Pattern In Hindi

Bullish Harami Candlestick Pattern दो कैंडलों के मिलने से बनता है, इसमें पहला कैंडल, बड़ी बेयरिश कैंडल होती है तथा दूसरी छोटी कैंडल, बुलिश कैंडल होती है ।इस कैंडल के निर्माण में दोनों कैंडल का सही रंग में होना अत्यंत आवश्यक है ।जब इसका निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे किसी शेयर के बॉटम पर होता है तब इस प्रकार से बनने वाले कैंडलस्टिक पैटर्न को बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न(Bullish Harami Candlestick Pattern) कहा जाता है।

जब इस कैंडल का निर्माण ट्रेंड के टॉप पर होता है या बिना किसी ट्रेंड के कही भी होता है तब इसे बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं कहा जायेगा ।

बुलिश हरामी” यह एक जापानी शब्द है। जापानी भाषा में इसका अर्थ गर्भवती होता है। बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने पर लाल को “Mother Candle” और छोटा हरा कैंडल को “Baby Candle” के नाम से भी जाना जाता है।

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश पैटर्न है जो डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर को अपट्रेंड में बदल जाने का संकेत देता है | इस कारण से इसे बुलिश ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न भी कहा जाता है | इस कैंडल का निर्माण सामान्यतः डाउन ट्रेंड के बॉटम पर या सपोर्ट के लेवल के आस-पास कही भी बन सकता हैं।

Bullish Harami Candlestick Pattern

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न” ट्रेडिंग चार्ट पर सभी समयावधियों पर काफी अच्छा काम करता है। यह पैटर्न चार्ट पर काफी सामान्य और चार्ट पर बहुत बार बनता हुआ दीखता है।

 बुलिश बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न का टाइम फ्रेम:

आप किसी भी Time Frame के साथ ट्रेड कर सकते हैं पर कोशिश करें कि कम से कम Time Frame 10M से कम का ना हो वरना आपको ज्यादा अच्छे रिजल्ट्स नहीं देखने को मिलेंगे साथ ही जैसे ही यह पैटर्न चार्ट पर बन जाता है तो आपको Next Candle का Wait करना है अगर Next Candle आपकी Prediction के According बनती है तो आप 1:3 Risk Reward Ratio के साथ Long Position बना सकते हैं ।

इंट्राडे ट्रेडिंग में इसे चार्ट पर 5 मिनट मिनट, 10 मिनट, 15 मिनट या 30 मिनट किसी भी टाइम फ्रेम में देख सकते है।ट्रेडर को किसी भी टाइम फ्रेम पर “बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न” दिखाई दे सकता है। और पैटर्न में तेजी के बाद अगला दिन भी बाजार में तेजी दिखाई देता है, तो ट्रेड किया जा सकता है। और अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है।

अगर कोई व्यापारी। ट्रेडर अल्पावधि या मध्यम अवधि में व्यापार करना चाहते है, तो उसके लिए ट्रेडिंग चार्ट पर 60 मिनट, दैनिक और साप्ताहिक चार्ट को देखना चाहिए।

Bullish Harami Candlestick Trading Strategy – बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न स्ट्रेटिजि :

बुलिश हरामी पैटर्न जो बियरिश से बुलिश में रिवर्सल का संकेत देता है। इसमें दो कैंडलस्टिक होती हैं। जहाँ पहली कैंडल एक बड़ी बियरिश और दूसरी एक छोटी बुलिश कैंडल होती है जो पहली कैंडलस्टिक के बॉडी से पूरी तरह से घिरी हुई होती है।

:बुलिश हरामी पैटर्न का निर्माण ट्रेंड रिवर्सल या ट्रेंड निरंतरता के दौरान हो सकता है। ट्रेंड रिवर्सल तब होता है, जब किसी स्टॉक का भाव लम्बे समय से डाउनट्रेंड में हो। क्योकिं कुछ प्रमुख ट्रेंड रिवर्सल होने के दौरान “बुलिश हरामी” कम प्रभावी हो जाता है। इसलिए ट्रेडर को संकेतो का उपयोग करते हुए ट्रेंड करना चाहिए।

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न में एन्ट्री और एक्जिट कब करें

एन्ट्री प्वॉइंट:

  • जब एक डाउनट्रेंड बाद एक बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है तो आपको कन्फेर्मेशन का वेट करना चाहिए और अगली कैंडल जब दूसरी कैंडल से ऊपर क्लोज होती है उसके बाद ही हमें अपनी एंट्री बनानी चाहिए ! यहाँ पर आप स्टॉप लोस पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस का रख सकते हैं।

या

  • बाद डाउनट्रेंड के बड़े लाल कैंडल का निर्माण होते ही अगला छोटा हरा कैंडल के बनने के बाद अगले तीसरे निर्णायक कैंडल बनने का इन्तिज़ार करना चाहिए।
  • अगर तीसरा कैंडल हरा यानि तेजी का संकेत देता है तो स्टॉक का भाव में बढ़ोतरी आने का प्रबल संकेत देता है। अगर लाल कैंडल बनता है तो बाजार नीचे जाने की संभावना बन सकती है।

एक्जिट प्वॉइंट :

  • बाद प्राइज तय किए गए टार्गेट तक पहुंचती हैं। ऐसे ट्रेडर केवल स्टॉप लॉस लगाकर चार्ट के छोटे टाइम फ्रेम में किसी ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न की तलाश करते है | जैसे ही छोटे टाइम फ्रेम पर किसी ट्रेंड रिवर्शल पैटर्न दिखाई देता है, ट्रेडर वही पर एग्जिट कर लेता है | ट्रेडर का टार्गेट जैसे-जैसे बड़ा बनता जाता है वो अपने स्टॉप लॉस को ट्रेल करता रहता है | इस प्रकार से ट्रेडर बाज़ार के तेज़ी का भरपूर मुनाफा ले सकते है ।

Bullish Harami Candlestick Pattern

अगर आप बुलिश हरामी पैटर्न पर ट्रेड करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते है तो हमेशा इस बात का ध्यान रखे कि बुलिश हरामी पैटर्न चार्ट पर एक लम्बी मंदी के बाद बॉटम में बनना चाहिए ! जिसमे पहली कैंडल बड़ी और लाल रंग की होनी चाहिए जबकि दूसरी कैंडल छोटी और हरे रंग की होनी चाहिए ! दूसरी कैंडल पहली कैंडल की बॉडी के बिच में ही ओपन और क्लोज होनी चाहिए !

जब यह पैटर्न बन जाता है तो आपको कन्फेर्मेशन का वेट करना चाहिए और अगली कैंडल जब दूसरी कैंडल से ऊपर क्लोज होती है उसके बाद ही हमें अपनी एंट्री बनानी चाहिए ! यहाँ पर आप स्टॉप लोस पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस का रख सकते हैं।

Bullish Harami Candlestick के पीछे का मनोविज्ञान

Bullish Harami Candlestick Pattern आपको बाज़ार में एक लंबे Downtrend के बाद बनता हुआ दिखेगा इसके बनने के पीछे की वजह बहुत साधारण सी है जब बाज़ार में Sellers का Dominance होता है तो बाज़ार तेजी से गिरता है और इसी गिरावट को देखते हुए बाकी Sellers भी अपनी Position बनाते हैं जैसे ही बाज़ार सपोर्ट के पास पहुंचता है तो जो Sellers पहले से Position बनाए हुए थे वो Exit कर जाते हैं जिस वजह से अब बाज़ार को धीरे धीरे Buyers Control में करने की कोशिश करते हैं और यही वजह है कि है एक बड़ी बेयरिश कैंडल के बाद एक छोटी ग्रीन कैंडल बनती है जो दर्शाती है कि अब बाज़ार को बायर्स कंट्रोल करने वाले हैं और अब यहां से अपट्रेंड शुरू होगा ।

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न में स्टॉप लॉस और प्रॉफिट स्ट्रेटिजि:

अगर स्टॉक की कीमत लगातार बढ़ती रहती हो, जैसा की ऊपर दिए गए चार्ट में दिखाया गया है। तो व्यापारी धीरे-धीरे स्टॉप लॉस बढ़ा सकता है और अपने प्रॉफिट की स्थिति को बनाए रख सकता है।

जब तक की चार्ट पर मंदी वाला कैंडलस्टिक पैटर्न यानि लाल कैंडल का निर्माण न हो। या फिर जब तक अन्य किसी ट्रेडिंग संकेतक यह सुझाव न दे कि स्टॉक नीचे जा सकता है।

बुलिश हरामी कैंडल / Bullish Harami Candle की विशेषताए:-

  • बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड में बनता है !
  • बुलिश हरामी कैंडल / Bullish Harami Candle कैंडल का निर्माण दो कैंडल के मिलने से होता है।
  • बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न में पहली कैंडल को ‘मदर’ कैंडल तथा दूसरी कैंडल को ‘बेबी’ कैंडल के नाम से जानते है !
  • पैटर्न ट्रेडिंग प्रकार पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी और लाल रंग की होती है !दूसरी कैंडल छोटी और हरे रंग की होती है !
  • पैटर्न ट्रेडिंग प्रकार पहले कैंडल का बेयरिश तथा दूसरी कैंडल बुलिश होना अत्यंत आवश्यक है ।
  • पैटर्न ट्रेडिंग प्रकार पैटर्न में पहली कैंडल को ‘मदर’ कैंडल तथा दूसरी कैंडल को ‘बेबी’ कैंडल के नाम से जानते है !
  • इस पैटर्न में पहली कैंडल बड़ी और बियरिश होती है तथा दूसरी कैंडल पहली कैंडल के क्लोजिंग प्राइस से ऊपर गैपअप में ओपन होती है !इस कैंडल में दूसरी कैंडल गैप डाउन में कभी ओपन नही होती है ।
  • पैटर्न ट्रेडिंग प्रकार हरामी कैंडल में दूसरी बुलिश कैंडल, पहली बेयरिश कैंडल को 50 प्रतिशत या उससे कम, तक कवर कर लेती है |
  • पैटर्न ट्रेडिंग प्रकार पैटर्न में दूसरी कैंडल पहली कैंडल की बॉडी के बीच में ही ओपन और क्लोज होंनी चाहिए !
  • बेयरिश कैंडल का low ही बुलिश हरामी कैंडल / Bullish Harami Candle का low होता है |
  • जब इस कैंडल का निर्माण डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बॉटम पर हो जाता है तब इसे बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न / Bullish Harami Candlestick Pattern कहा जाता है ।

हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न के मुख्यता दो प्रकार होते है

1.बुलिश हरामी कैडलस्टिक पैटर्न

2.बियरिश हरामी कैंडलस्टिक पेटर्न

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक के द्वारा बनने वाले पैटर्न price को ऊपर ले जाते हैं जबकि बियरिश हरामी कैंडलस्टिक के द्वारा बनने वाले पैटर्न price को नीचे ले जाते हैं।

निष्कर्ष.

किसी भी कैंडलस्टिकक पैटर्न स्ट्रेटिजि को युज करने से पहले, उसके बारे में गहराई से एनालिसिस करें। उसके साथ-साथ साथ-साथ High Risk Management Techniques का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, हमेशा मार्केट की Current Conditions के साथ बने रहें और उसी के अनुसार अपनी Trading Strategies को अपनाएं ।

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