स्पिनिंग टाॅप कैंडलस्टिक पैटर्न inHindi

आप चाहे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हो या फिर इन्वेस्टिंग आपके लिए कैंडलेस्टिक पैटर्न को समझना अति आवश्यक है क्योंकि इसके द्वारा आसानी से पता लगा सकते हैं कि मार्केट किस दिशा में जा सकता है और कैंडलेस्टिक ही आपके टेक्निकल एनालिसिस में मदद करता है आइए हम स्पिनिंग टाॅप कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के बारे में समझते हैं।

स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण बुल्स तथा बियर्स के मध्य एक ऐसे युद्ध का परिणाम होता है जिसमें बुल प्राइस को ऊपर ले जाते हैं और बियर्स फिर प्राइस को निचे ले आते हैं जिसके परिणामस्वरूप बुल्स तथा बियर्स में न तो किसी की हार होती है न तो किसी की जीत होती है इस प्रकार स्पिनिंग टाॅप कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न का निर्माण होता हैं। इसमें कैंडल में बॉडी छोटी तथा शैडो बड़ी होती है ।

  • इसकी बॉडी छोटी होती है।
  • कैंडल का बॉडी लाल या हरा हो सकता है।
  • इसका शैडो बॉडी से अधिक बड़ा होता है ।
  • कैंडल का अपर शैडो तथा लोअर शैडो लगभग एक समान होता है।

जब किसी स्पिनिंग टॉप कैंडल / Spinning Top Candle का निर्माण अपट्रेंड में चल रहे कंपनी के शेयर / इंडेक्स के टॉप पर या डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बॉटम पर बनता है तब इस प्रकार से बने चार्ट फार्मेशन को स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है |

अपट्रेंड स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न Spinning top candle Uptrend in hindi

जब किसी स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण अपट्रेंड में चल रहे कंपनी के शेयर / इंडेक्स के टॉप पर होता है तब यह अपट्रेंड के समाप्त हो जाने का संकेत देता है । तब इसे बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है |

इसकी बॉडी छोटी और बीच में होती है इसका दोनों शैडो बॉडी से अधिक बड़ा और लगभग एक समान होता है इसका रंग लाल और हरा दोनों में कोई भी हो सकता है,परन्तु अगर लाल हैं तो यह एक मजबूत( Strong) बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडल होती हैं।

अगर कोई कैंडल इसके low को ब्रेकडाउन कर दे तो तुरंत बाद ट्रेंड रिवर्सल या bearish हो जाता है यानि डाउनट्रेंड चालू हो जाता है।

एन्ट्री और स्टाप लास

इस कैंडल में आपको Entry low और Stoploss High पर लगाना होता है लेकिन स्पिनिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो जाने के तत्काल बाद ट्रेड नहीं लेना है इसके बाद बनने वाले कैडल को ध्यान से देखना हैं कि यह क्या संकेत दे रही हैं उसके बाद एन्ट्री लेना चाहिए।

क्योकि इस पैटर्न का निर्माण हो जाने का अर्थ ट्रेंड के रिवर्स होने का एक संकेत मात्र होता है ।

डाउनट्रेंड स्पिनिंग टाॅप कैंडलस्टिक पैटर्न Spinning top candle Uptrend in hindi

जब किसी स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण डाउनट्रेंड में चल रहे कंपनी के शेयर / इंडेक्स के बॉटम पर होता है तब यह डाउनट्रेंड के समाप्त जाने का संकेत देता है। तब इसे बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है ।

इसकी बॉडी छोटी और बीच में होती है इसका दोनों शैडो बॉडी से अधिक बड़ा और लगभग एक समान होता है इसका रंग लाल और हरा दोनों में कोई भी हो सकता है। परन्तु अगर हरा हैं तो यह एक मजबूत( Strong) बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडल होती हैं।

अगर कोई कैंडल इसके High को ब्रेकडाउन कर दे तो तुरंत बाद ट्रेंड रिवर्सल या Bullish हो जाता है यानि अपट्रेंड चालू हो जाता है।

एन्ट्री और स्टाप लास

इसमें आपको एंट्री कैंडल के हाई पर और स्टॉपलॉस कैंडल के low पर लगाना होता है।लेकिन स्पिनिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो जाने के तत्काल बाद ट्रेड नहीं लेना है इसके बाद बनने वाले कैडल को ध्यान से देखना हैं कि यह क्या संकेत दे रही हैं उसके बाद एन्ट्री लेना चाहिए।

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के निर्माण कैसे होता हैं

इसमें जब मार्केट में खरीददार (Buyers)कि संख्या बढने लगती हैं इस कारण से चार्ट में अधिकतम बुलिश कैंडल का निर्माण होने लगता हैं जिससे शेयर/इंडेक्स की कीमत अपने टॉप पर चली जाती हैं। शेयर/इंडेक्स की कीमत अब ऊपर चले जाने के बाद एक ऐसा लेवल आ जाता है जहाँ पर खरीददार (Buyers )की शक्ति कम होने लगती है यानी Buyers कि संख्या कम होने लगती हैं खरीददार की संख्या कम होने पर सेलर्स (बेचने वाले) कि संख्या बढ़ने लगती हैं इस कारण से बाज़ार खुलने पर खरीददार बाज़ार को ऊपर तो लेकर जाते है लेकिन वे टिक नहीं पाते है तथा सेलर्स ज्यादा होते हैं वह मार्केट को निचे लेकर आ जाते है ।

यहाँ पर खरीदार एक बार फिर से बाज़ार को ऊपर ले जाने का अंतिम प्रयास करते है तथा खरीदारी आरंभ कर देते है ,चूँकि अब खरीदार की संख्या कम रह गयी है तथा इनकी शक्ति कमजोर हो गयी है।अतः ये बाज़ार को टॉप पर नहीं ले जा पाते है लेकिन बाज़ार को ओपन प्राइस के पास लाकर क्लोज कर देते है इस प्रकार से एक बेयरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण होता हैं।

ठीक इसी प्रकार जब डाउन ट्रेंड में चल रहे कंपनी के शेयर के बॉटम पर स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण हो जाता है तब यह मंदी के दौर के समाप्ति का संकेत देता है ।ऐसा होने पर माना जाता है कि अब कंपनी के शेयर में तेज़ी आ सकती है | अतः यदि डाउन ट्रेंड में चल रहे शेयर के बॉटम पर स्पिनिंग टॉप कैंडल का निर्माण होता है तब इस प्रकार के चार्ट फार्मेशन को बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है | 

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो जाने के तत्काल बाद ट्रेड नहीं लिया जाता है इसके बाद बनने वाले केडल को ध्यान से देखना हैं कि यह क्या संकेत दे रही हैं।क्योकि इस पैटर्न का निर्माण हो जाने का अर्थ ट्रेंड के रिवर्स होने का एक संकेत मात्र होता है ।

निष्कर्ष

स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न अपने आप में एक महत्वपूर्ण संकेतक नहीं हो सकता है। लेकिन निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि मार्केट का ट्रेंड बदलने कि संभावना हैं। इसलिए, निर्णय लेने में त्रुटि से बचने के लिए चार्ट में स्पिनिंग टॉप कब दिखाई दे रहा है, और आगे कि केंडल कैसी बन रही हैं इस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

अस्वीकरण : moneybharat.com साइट पर स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न के बिषय में लेख केवल सांकेतिक हैं, इसकी सटीकता या पूर्णता के संबंध में कोई गारन्टी या वारंटी नहीं देता हैं न हीं इसके उपयोग के लिए कोई आग्रह हैं।इसमें निहित किसी भी चीज़ का आशय निहित या अन्यथा निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाएगा। हम इस वेबसाइट पर मौजूद डेटा /लेख के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए कोई दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं।


2 thoughts on “स्पिनिंग टाॅप कैंडलस्टिक पैटर्न inHindi”

Leave a Comment