होम लोन क्या हैं इसके लेने कि शर्ते

जब आप प्लाट, मकान, फ्लैट खरीदते हैं तब आपको होमलोन कि जरूरत पड़ सकती हैं होम लोन क्या होता हैं कैसे मिलता हैं इसकी शर्ते क्या हैं आइए इसके सम्बन्ध में पूरी विश्लेषण करते हैं।

लगभग सभी बैंक और कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) घर/ फ्लैट/ जमीन खरीदने के लिए होम लोन प्रदान करती हैं। यह आमतौर पर आवेदक के क्रेडिट स्कोर, उसके मासिक इनकम, लोन राशि, लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो, जॉब प्रोफ़ाइल, नियोक्ता/ कंपनी की प्रोफ़ाइल आदि के आधार पर 30 वर्षों तक की अवधि के लिए तथा कुछ संस्थान द्वारा 40 वर्ष के लिए होम लोन प्रदान किया जाता है। यह आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल और बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा निर्धारित एलटीवी रेश्यो के आधार पर दिया जाता हैं। होम लोन राशि होम प्रॉपर्टी वैल्यू की 75% से 90% तक होती ह

होम लोन Home Loan: योग्यता शर्तें

होमलोन कि शर्ते बैंक / लोन संस्थान और लोन योजनाओं के मुताबिक अलग- अलग होती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य होम लोन योग्यता शर्तें निम्नलिखित हैं:

  • राष्ट्रीयता: आवेदक भारतीय निवासी, अनिवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) होना चाहिए
  • क्रेडिट स्कोर: 750 या उससे अधिक
  • आयु सीमा: 18 – 70 वर्ष
  • कार्य अनुभव: कम से कम 2 वर्ष (नौकरीपेशा के लिए)
  • बिज़नेस कितना पुराना है: कम से कम 3 वर्ष (गैर- नौकरीपेशा के लिए)
  • न्यूनतम सैलरी: कम से कम 25,000 रुपये प्रति माह (ये हर बैंक/ लोन संस्थानों में अलग- अलग होती है)
  • सैलरीड इम्पलॉई या निजी व्‍यवसाय : अगर आप सैलरीड इम्पलॉई हैं या आप निजी व्‍यवसाय करने वाले व्‍यक्ति हैं तो दोनों के लिए लोन की पात्रता अलग-अलग होती है.
  • लोन राशि: प्रॉपर्टी वैल्यू की 90% तक या किसी व्‍यक्ति को उसकी प्रति माह की कुल आय का 60 गुना लोन मिल सकता है।
  • अगर लोन चाल रहा हैं: अगर आपने कोई दूसरा लोन (कार या पर्सनल लोन आदि) लिया है, जो चालू है तो लोन देने वाला बैंक उसकी मासिक किस्त आपकी आमदनी से घटाने के बाद होम लोन की रकम पर विचार करेगा।
  • प्रॉपर्टी किस प्रकार कि हैं: होम लोन की योग्यता शर्तें इस पर भी निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और कहाँ खरीद रहे हैं।

होम लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

सम्पति का दस्तावेज
  • मकान / प्लाट के रजिस्ट्रेशन का मूल पत्र।
  • अगर फ्लैट हैं तो हाउसिंग सोसाएटी से एनओसी ।
  • बिक्रेता या बिल्डर को किए गए भुगतान रसीद या बैंक खाता का विवरण जो भुगतान को प्रमाणित करता हो ।
  • भवन निर्माण लागत के विस्तृत अनुमान का दस्तावेज।
पहचान प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पासपोर्ट
  • डाईवरी लाइसेंस
निवास का प्रमाण
  • आधार कार्ड
  • इलेक्ट्रिक बिल
  • मकान टैक्स कि रसीद
  • जलकर कि रसीद
आय के लिए प्रमाण
  • नौकरीपेशा के लिए: फॉर्म 16 की कॉपी, लेटेस्ट सैलरी स्लिप, पिछले 3 वर्षों के ITR और इंवेस्टमेंट प्रूफ (यदि कोई हो)
  • गैर- नौकरीपेशा के लिए: पिछले 3 वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट और कंपनी/ फर्म के प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, बिज़नेस के पते का प्रमाण।

ऑफर की जाने वाली होम लोन ब्याज दरें

  • होमलोन कि ब्याज दरें प्रत्येक बैंक / वित्तीय संस्थान अलग-अगल चार्ज करतें हैं।
  • अधिकत्तर बैंक कि ब्याज दरें 8.35 या 8.40-8.45 होती हैं कुछ लोन संस्थान 8.40 से 10.75 तक ब्याज लेते हैं।
  • ये ब्याज दरें RBI पालसी के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती हैं।

होम लोन के टैक्स लाभ

भारत सरकार, होम लोन लेने पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्स बेनिफिट (Tax Benefits of Home Loan) प्रदान करती है। नीचे उन टैक्स लाभों की जानकारी निम्नवत हैं।

होम लोन टैक्स लाभ 2022
इनकम टैक्स एक्ट सेक्शनकिस पर होम लोन टैक्स का लाभ मिलता है टैक्स छूट कि राशि अधिकतम
सेक्शन 24(b)ब्याज भरने पर₹2 लाख
सेक्शन 80C मूल लोन राशि पर (स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी)₹1.5 लाख

संबंधित प्रश्न (FAQs)

प्रश्न. होम लोन लेने के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए?
उत्तर: बैंक व लोन संस्थान 750 या ज़्यादा सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को होम लोन देना पसंद करते हैं। अधिक सिबिल स्कोर होने से आपको कम ब्याज दरों पर होम लोन मिल सकता है। हालांकि कई बैंक/ लोन संस्थान 750 से कम सिबिल स्कोर वालों को भी लोन प्रदान करते हैं।

प्रश्न. एक ही समय में क्या दो होम लोन लिया जा ले सकता हैं?
उत्तर: हाँ, आप दूसरी प्रॉपर्टी के लिए दूसरा होम लोन प्राप्त कर सकते हैं। यदि वह बैंक/ लोन संस्थान जिससे आप दूसरा होम लोन लेना चाहते हैं, आपकी भुगतान क्षमता, क्रेडिट प्रोफ़ाइल और गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी संबंधी जानकारी से संतुष्ट है।

प्रश्न. फिक्स्ड रेट और फ्लोटिंग रेट होम लोन के बीच क्या अंतर होता है?
उत्तर: फिक्स्ड रेट लोन के तहत इंटरेस्ट रेट पूरी लोन अवधि में समान रहती है। इस वजह से अगर बैंक कि ब्याज दरों में बढ़ोतर हैं या घटती हैं फिशक्स्ड रेट पर लिये गए लोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं फ्लोटिंग रेट लोन के मामले में ब्याज दरें बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बेंचमार्क रेट में आए बदलाव के मुताबिक घटती-बढ़ती रहती हैं।

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