यह एक डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है यानि पियर्सिंग कैंडल का निर्माण दो कैंडल के मिलने से होता है। इसमें पहला लाल रंग कि एक बेयरिश कैंडल जिसकी बॉडी बड़ी लेकिन शैडो, छोटी होती हैं इसके बाद बनने वाली कैंडल जो गैप डाउन ओपन होती है।जो हरे रंग कि एक बुलिश कैंडल जिसकी बॉडी बड़ी और शैडो, छोटी होती हैं।
यदि इस बुलिश कैंडल की क्लोजिंग, पिछले बेयरिश कैंडल के बॉडी के मध्य से टॉप के मध्य में होता है।तब इन दोनों कैंडल को संयुक्त रूप से पियर्सिंग कैंडल/Piercing Candle कहा जाता है ।
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में निम्न पॉइंट का होना आवश्यक हैं।
- हमें सपोर्ट पर पहले एक बड़ी बेयरिश कैंडल बनती हुई दिखाई देगी , उसके पास सपोर्ट पर दूसरी बुलिश कैंडल का निर्माण होगा जो की पहली कैंडल के low के नीचे या gape down open होगी और दूसरी कैंडल का क्लोजिंग पहली कैंडल के क्लोज पॉइंट के बराबर या फिर पहली कैंडल की बॉडी के मध्य होगा ।
- इस कैंडिस्टिक पैटर्न में रंग महत्वपूर्ण होता है पहली कैंडल का रंग लाल और दूसरी कैंडल का रंग हरा होना चाहिए ।
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न कि पहचान
- यह पैटर्न डाउन ट्रेंड के दौरान सपोर्ट पर बनता है ।
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पेटर्न कि पहचान सावधनीपूर्वक इस तरह करें।
- यह एक अपट्रेंड को बताने वाला कैंडिस्टिक पैटर्न है।
- इस डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न में पहली कैंडल लाल और दूसरे कैंडल हरि होनी चाहिए।
- इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में पहले कैंडल एक बड़ी बेयरिश कैंडल होती है तथा दूसरे कैंडल एक तेजी वाली बुलिश कैंडल होती है ।
- बाडी के उपर और नीचे का वीक छोटा होना चाहिए किसी – किसी पियर्सिंग पैटर्न में दोनो कैंडल का वीक नही होता हैं।
- इस कैंडल स्टिक पैटर्न के बनने बाद वॉल्यूम को देखना होता है वॉल्यूम अधिक होने पर ही मार्केट में रिवर्सल के चांसेस होते हैं।
- इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के साथ-साथ में आधुनिक इंडिकेटर का भी प्रयोग करना होता है जैसे की RSI MACD
- इसके कैंडल पैटर्न का निर्माण लंबे समय से चल दी आ रही मंदी के बाद सपोर्ट पर होता है ।
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern की दोनों कैंडल्स मारूबोजू (MARUBOZU) हो सकती है ।
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न / Piercing Candlestick Pattern मैं पहले कैंडल के बनने के बाद दूसरी कैंडल पहले कैंडल से नीचे या फिर गैप डाउन ओपन होनी चाहिए तथा क्लोजिंग पहली कैंडल की बॉडी के मध्य या बॉडी के open पॉइंट के बराबर होनी चाहिए ।
- बनी हुई दोनों कैंडल एक दूसरे से सटी होनी चाहिए।ज्यादा दूरी पर नहीं होनी चाहिए।
- यह एक बुलिश कैंडिस्टिक पैटर्न है ।
- यह दो कैंडल्स से मिलकर बनता है ।
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के निर्माण होने पर ट्रेड कब लें?
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड के बाद अपट्रेंड के आने का संकेत देता है.लेंकिन ट्रेडर्स को ट्रेडिंग के दौरान इसका उपयोग करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह भ्रामक सिग्नल दे सकता है. पियर्सिंग पैटर्न में पहले कैंडल के नीचे से दूसरी कैंडल बननी चाहिए और जो पहली कैंडल के आधे के बराबर कवर कि हैं कि नहीं देखना चाहिए।
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो जाने के बाद ट्रेडर्स को तब तक इंतजार करना चाहिए जब जब अगली कैंडल, बुलिश कैंडल बन जाये तब पियर्सिंग पैटर्न को कन्फर्म पैटर्न माना जाता हैं। इसके बाद वाली कैंडल जैसे ही कन्फर्मेशन कैंडल का हाई ब्रेक कर ऊपर निकल जाये वैसे ही शेयर में खरीदारी की जा सकती है।
- पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण जब सपोर्ट पर हो जाता है इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के बाद हमें अगली 3 कैंडल में से जो भी कैंडल पहली कैंडल के हाई को ब्रेक करेगी वहां से हमें मार्केट में एंट्री लेनी होती है । अगर यह कैंडलेस्टिक बनने के बाद अगली जो तीन कैंडल्स बनती है उनमें से कोई भी पहले कैंडल के हाई को ब्रेक नहीं करती तो यह एक मार्केट रिवर्सल के मजबूत संकेत नहीं होते हैं । और उसे समय हमें इस कैंडल स्टिक पैटर्न को ignore करना चाहिए
स्टॉप लॉस
इसमे स्टॉप लॉस पिछ्ली पियर्सिंग कैंडल के low पॉइंट के नीचे या उससे भी थोड़ा सा निचे रखा जा सकता है। वित्तीय नुकसान से बचाव हेतु स्टॉप लॉस के साथ ट्रेडिंग करना और तार्किक स्टॉप लॉस लगाना जोखिम प्रबंधन का हिस्सा हैं ।
टार्गेट:
इस कैंडल स्टिक पैटर्न में टारगेट हमें रेजिस्टेंस को देखकर या फिर हमारे सब stoplose से दो या तीन गुना लगाना चाहिए।
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न की सीमाएं
- डाउनट्रेंड के बाद पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण हो तभी यह मान्य होता है, इसलिए पूर्व अपट्रेंड के साथ पैटर्न का निर्माण पैटर्न की विफलता है।उसे पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं माना जा सकता हैं।
- सही सम्पर्क ट्रेंड में एंट्री और स्टॉप लॉस स्तरों के लिए पैटर्न निर्माण की सभी शर्तों का पालन किया जाना चाहिए।
- ट्रेंड में प्रवेश या निकासी हेत संकेतों के बेहतर समझने के लिए, पैटर्न को अन्य तकनीकी उपकरणों के साथ जोड़कर एनालिसिस करनी चाहिए।
ट्रेड में एंट्री और एक्जिट हेतु सर्वोत्तम समय सीमा
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण जब सपोर्ट पर हो जाता है इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के बाद हमें अगली 3 कैंडल में से जो भी कैंडल पहली कैंडल के हाई को ब्रेक करेगी वहां से हमें मार्केट में एंट्री लेनी होती है । अगर यह कैंडलेस्टिक बनने के बाद अगली जो तीन कैंडल्स बनती है उनमें से कोई भी पहले कैंडल के हाई को ब्रेक नहीं करती तो यह एक मार्केट रिवर्सल के मजबूत संकेत नहीं होते हैं और उसे समय हमें इस कैंडल स्टिक पैटर्न को ignore करना चाहिए।
पियर्सिंग कैंडलस्टिक पैटर्न बेहतर दृश्य के लिए चार्ट
- पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न में, इंट्राडे ट्रेडर्स को ट्रेड में एंट्री और एक्जिट हेतु के बेहतर दृश्य के लिए 5 मिनट या 15 मिनट की टाइम फ्रेम का कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर निर्णय लेना चाहिए।
- स्विंग और पोजिशनल ट्रेडर्स लिए, पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ उच्च-सफलता दर वाले ट्रेडों के लिए दैनिक या साप्ताहिक चार्ट को भी देखना चाहिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार पीयर्सिंग पैटर्न दो कैंडलस्टिक से बना है पहला पैटर्न बियरिश है और दूसरा बुलिश कैंडलस्टिक है।पीयर्सिंग पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के अंत में पाया जा सकता है निवेशकों को कुछ विशेषताओं को देखना चाहिए जब वे इस पैटर्न के साथ ट्रेड करते हैं और अन्य तकनीकी इंडिकेटर के साथ इस पैटर्न द्वारा दिए गए सिग्नल की पुष्टि कर लेनी चाहिए। पूरी तरह से Conformation हो जाने के बाद ही ट्रेंड लेना चाहिए।
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