आप्शन ट्रेडिंग में लाॅस क्यों होता हैं ?इससे बचने के लिए मुख्य नियम व शर्ते क्या हैं।
परिचय: ऑप्शन ट्रेडिंग का आकर्षण और कड़वा सच
पिछले कुछ सालों में शेयर बाज़ार के वायदा और विकल्प (Future & Options - F&O) सेगमेंट का क्रेज तेज़ी से बढ़ा है। कम समय और कम पैसों में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का वादा इसे नए ट्रेडर्स के लिए बेहद आकर्षक बनाता है। लेकिन, इस चमक के पीछे एक गहरा अँधेरा भी है। बिना सही ज्ञान और अनुभव के F&O ट्रेडिंग में न जाने कितने लोगों ने अपनी पूरी पूँजी गँवा दी है।
सेबी (SEBI - Securities and Exchange Board of India) की रिपोर्ट एक साफ़ चेतावनी देती है: 10 में से 9 ऑप्शन ट्रेडर्स पैसा गँवाते हैं। यह एक चौंकाने वाला आँकड़ा है, लेकिन सच यही है। इसके बावजूद, ऑप्शन ट्रेडर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है।
इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर ऑप्शन ट्रेडिंग में इतना नुकसान क्यों होता है और वो कौन से मुख्य नियम हैं, जिन्हें अपनाकर आप 90% लोगों की भीड़ से निकलकर एक सफल ट्रेडर बनने की तरफ अपना कदम बढ़ा सकते हैं।

सेबी की चेतावनी: आंकड़े क्या कहते हैं?
स्टॉक मार्केट को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी ने अपने डेटा में साफ़ बताया है:
90% ट्रेडर्स ऑप्शन ट्रेडिंग में शुद्ध घाटा (net loss) करते हैं।
जो बाकी 10% बचते हैं, उनमें से लगभग 8% सिर्फ़ अपनी पूँजी (capital) बचा पाते हैं या मामूली मुनाफ़ा कमाते हैं।
असली मुनाफ़ा सिर्फ़ 2% ट्रेडर्स के पास जाता है।
यह आँकड़े डराने वाले लग सकते हैं, लेकिन यह एक रियलिटी चेक है। सवाल यह है कि आप इन 2% ट्रेडर्स में कैसे शामिल हो सकते हैं? इसके लिए पहले गलती को समझना ज़रूरी है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान क्यों होता है? (नुकसान के मुख्य कारण)
1. बाज़ार की बुनियादी समझ न होना (Lack of Fundamental Knowledge) कई लोग बिना बाज़ार के बेसिक्स समझे ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं। डिमांड-सप्लाई, प्राइस एक्शन, बिडिंग जैसे मुख्य कॉन्सेप्ट्स को न समझना वैसा ही है जैसे बिना तैराकी सीखे नदी में कूद जाना - अंजाम पहले से तय होता है। सिर्फ़ इंडिकेटर्स का ज्ञान ही बाज़ार का ज्ञान नहीं है।
2. भावनाओं पर नियंत्रण न होना (Emotional Decision Making) ट्रेडिंग में सबसे बड़े दुश्मन आपकी भावनाएं हैं - लालच (Greed) और डर (Fear)।
लालच: थोड़ा सा मुनाफ़ा होने पर "और ज़्यादा" के चक्कर में लोग सही समय पर बाहर नहीं निकलते और मुनाफ़े को नुकसान में बदल देते हैं।
डर: छोटा सा नुकसान देखकर घबरा जाना और जल्दी से ट्रेड काट देना, या फिर नुकसान की भरपाई के चक्कर में और गलत ट्रेड लेना।
3. ओवर-ट्रेडिंग करना (Over-Trading) नुकसान होने पर उसे रिकवर करने के लिए बार-बार ट्रेड करना या मुनाफ़ा होने पर लालच में आकर और ट्रेड करना, दोनों ही ओवर-ट्रेडिंग है। ओवर-ट्रेडिंग आपके ब्रोकरेज चार्ज को बढ़ाता है और गलत फ़ैसले लेने की संभावना को भी।
4. जोखिम प्रबंधन को नज़रअंदाज़ करना (Ignoring Risk Management) यह सबसे बड़ी गलती है। ट्रेड लेने से पहले यह तय न करना कि आप उस ट्रेड में अधिकतम कितना नुकसान झेल सकते हैं। बिना जोखिम प्रबंधन के ट्रेडिंग करना जुआ खेलने जैसा है।
नुकसान से बचने के मुख्य नियम (Rules to Avoid Loss in Options Trading)
1. हमेशा सीखते रहें (Continuous Learning) बाज़ार हर दिन बदलता है। ख़ुद को शिक्षित करें। ऑप्शन ट्रेडिंग के सिद्धांतों को गहराई से समझें। स्ट्राइक प्राइस, प्रीमियम, इंप्लाइड वोलैटिलिटी (IV), ऑप्शन ग्रीक्स (डेल्टा, थीटा, वेगा) और अलग-अलग रणनीतियाँ कैसे काम करती हैं, इसकी जानकारी रखें।
2. जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता दें (Prioritize Risk Management) अपना एक नियम बनाएँ: "मैं हर ट्रेड में अपनी कुल पूँजी का सिर्फ़ 1% या 2% ही जोखिम पर लगाऊँगा।" इससे आप बड़े नुक़सान से बचे रहेंगे। सिर्फ़ उतना ही पैसा लगाएँ जिसे खोने का जोखिम आप उठा सकते हैं।
3. स्टॉप लॉस का सही इस्तेमाल करें (Use Stop Loss Wisely) ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस आपका सीटबेल्ट है। यह आपको बड़े हादसे (नुकसान) से बचाता है। हर ट्रेड लेने से पहले ही अपना स्टॉप लॉस पॉइंट तय करें और सिस्टम में ज़रूर लगाएँ। यह आपको भावनात्मक फ़ैसलों से बचाएगा।
4. ओवर-ट्रेडिंग से बचें (Avoid Over-Trading) एक ट्रेडिंग योजना बनाएँ। दिन में कितने ट्रेड लेने हैं, यह पहले से तय करें। अपना दैनिक लक्ष्य या नुकसान की सीमा पूरी होने पर सिस्टम बंद कर दें। लालच या नुकसान की भरपाई की भावना में बहकर योजना न तोड़ें।
5. अपनी भावनाओं को काबू में रखें (Control Your Emotions) मुनाफ़ा और नुकसान ट्रेडिंग का हिस्सा हैं। किसी भी ट्रेड से भावनात्मक लगाव न रखें। एक बिज़नेस की तरह अनुशासन के साथ काम करें। अपनी गलती से सीखें और आगे बढ़ें।
निष्कर्ष (Conclusion)
ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान को कम करने के लिए अनुशासन (discipline), सही ज्ञान (knowledge), और जोखिम प्रबंधन (risk management) सबसे ज़रूरी हथियार हैं। सेबी के आँकड़े डराने के लिए नहीं, बल्कि ट्रेडर्स को सावधान करने के लिए हैं।
किसी भी ट्रेंड के पीछे अंधाधुंध न भागें। अपनी रिसर्च करें, बाज़ार को समझें, और ऊपर बताए गए नियमों का सख़्ती से पालन करें। याद रखें, ट्रेडिंग कोई "जल्दी अमीर बनने" की स्कीम नहीं, बल्कि एक गंभीर व्यवसाय है।

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